हरा सोना उगाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार दे रही है 50% सब्सिडी

आजकल बांस का इस्तेमाल फर्नीचर, चटाइयां, टोकरियां, बर्तन, सजावटी सामान, जाल, मकान और खिलौने जैसे तमाम प्रोडक्ट बनाने में किया जा रहा है। बांस एक कमर्शियल क्रॉप है और इसे प्लास्टिक की जगह आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है। यही कारण है कि इसे इको फ्रैंडली माना गया है। भारत के साथ-साथ बाकी देशों में भी बांस से बने हुए प्रोडक्ट की बहुत ज्यादा मांग बढ़ रही है। इसी डिमांड को देखते हुए बहुत से राज्यों में बांस आधारित छोटे छोटे और बड़े उद्योग स्थापित किए जा रहे हैं और सरकार द्वारा बांस की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। केंद्र सरकार की बात करें तो उनके द्वारा भी नेशनल बैंबू मिशन चलाया गया है। इसी कदम की और एक नई पहल छत्तीसगढ़ सरकार ने भी की है और यह सरकार बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए 50% तक सब्सिडी दे रही है। अगर आप भी छत्तीसगढ़ के किसान हैं तो आप सिर्फ आधे खर्चे में बांस की खेती कर सकते हैं और बाकी आधा खर्चा पूरी तरह से सरकार द्वारा उठाया जाएगा।

बांस की खेती के लिए सब्सिडी

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना चलाई जा रही है, जिसके तहत राज्य में बांस की खेती का क्षेत्रफल बढ़ाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। अगर कोई भी किसान इस स्कीम के तहत आवेदन देता है तो उसे सरकार की तरफ से 50% तक सब्सिडी दी जाएगी। शर्त यह है, कि आपको टिशू कल्चर से बांस की खेती करनी होगी, जिसमें उद्यानिकी, वन विभाग और कृषि विभाग मिलकर किसानों की मदद करेंगे। टिशू कल्चर से बांस की खेती करने वाले किसानों को इस योजना के तहत पैसा तीन किस्तों में दिया जाएगा। पहले साल में पहली किस्त 11,500 रुपये की, दूसरे साल में 7,000 रुपये और तीसरे साल में भी 7,000 रुपये का अनुदान दिया जाता है। इस तरह एक एकड़ खेती की इकाई लागत पर 50 प्रतिशत सब्सिडी की दर से अनुमानित 25,500 रुपये का अनुदान किसानों को मिल जाता है। किसान चाहें तो मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का लाभ लेकर अधिकतम 5 एकड़ जमीन पर बांस की खेती कर सकते हैं।

फसल के लिए पौधा खरीदने और बेचने का क्या है प्रबंध?

बांस की फसल को लेकर किसान ज्यादा जागरुक नहीं है। यह नकदी फसल है, जिसमें खर्चा ज्यादा आता है और आपको मुनाफा लंबे समय बाद मिलना शुरू होता है। यही कारण है, कि बहुत से किसान इस फसल का उत्पादन करने से कतराते हैं। साथ ही, किसानों को यह जानकारी भी नहीं होती है कि आप अच्छी किस्म का बांस का पौधा कहां से खरीद सकते हैं। एक बार आप की उपज तैयार होने पर किस बाजार में जाकर आप उसको कहाँ बेच सकते हैं।
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अगर आपके मन में भी इन्हीं सभी समस्याओं को लेकर चिंता है। तो आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के तहत किसानों को बांस की खेती के लिए एकदम निशुल्क पौधे उपलब्ध करवाए जाएंगे। जिसकी रोपाई, सिंचाई और फेंसिंग अपने खर्च पर करनी होगी। बांस की रोपाई के 3 साल बाद अनुदान की राशि जीवित पौधों के हिसाब से कैल्कुलेट करके किसान को दे दी जाएगी। इसके अलावा, खेती से जुड़े बाकी कामों में उद्यानिकी, वन विभाग और कृषि विभाग भी किसानों का सहयोग करेंगे।

कैसे कर सकते हैं आवेदन

छत्तीसगढ़ वन विभाग के ऑफिशल पोर्टल पर जाकर आप इसके लिए आवेदन दे सकते हैं। http://www.cgforest.com/ अगर आप इस खेती के लिए सब्सिडी का लाभ उठाना चाहते हैं। तो वन विभाग के कार्यालय में जाकर आपको एक आवेदन फॉर्म जमा करना होगा। जिसमें आपको अपनी, आधार, कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक की कॉपी, खेत का खसरा-खतौनी, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर जैसी डिटेल्स देना अनिवार्य है।